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आपने कभी चाय पीते हुए पिता के बारे में सोचा है? Mohit Kataria recites Agyey अज्ञेय

Updated: Nov 17, 2021



आपने कभी चाय पीते हुए पिता के बारे में सोचा है? Mohit Kataria recites Agyey.चीनी चाय पीते हुए .

Young minds recite Classic Poetry. #khataakkKAVITA SABKI FEST-21 Starts with AGYEY. Author-Technocrat #MohitKataria recites #Agyey under the Series. Every Friday , New Poet, New voice. Set your timer,share the joy.ये ऐसी कविताएं हैं जो जितनी बार सुनो उतनी बार नई लगती हैं.


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चीनी चाय पीते हुए / अज्ञेय


चाय पीते हुए

मैं अपने पिता के बारे में सोच रहा हूँ।

आपने कभी

चाय पीते हुए

पिता के बारे में सोचा है?

अच्छी बात नहीं है

पिताओं के बारे में सोचना।

अपनी कलई खुल जाती है।

हम कुछ दूसरे हो सकते थे।

पर सोच की कठिनाई यह है कि दिखा देता है

कि हम कुछ दूसरे हुए होते

तो पिता के अधिक निकट हुए होते

अधिक उन जैसे हुए होते।

कितनी दूर जाना होता है पिता से

पिता जैसा होने के लिए!

पिता भी सवेरे चाय पीते थे।

क्या वह भी पिता के बारे में सोचते थे-

निकट या दूर?


- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'

(7 March 1911 - 4 April 1987)


#HindiPoems#ClassicPoetry#Agyey#KhataakkPoetry

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